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माँ के ही इर्द-गिर्द (हाइकु) / रमा द्विवेदी

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होती नहीं माँ
हम-तुम न होते
सृष्टि न होती


माँ की दुआ से
पूरन हर काम
मेरा विश्वास


स्वर्ग है कहीं ?
माँ के ही चरणों में
ढूँढ़ो तो सही


मिला जिसको
माँ का प्यार-दुलार
सब से धनी


घूमता चक्र
माँ के ही इर्द-गिर्द
हर रिश्ते का


माँ की सुशिक्षा
सुसंस्कारों की नींव
जीवनाधार


माँ वन्दनीय
चौदह भुवन में
अतुलनीय


माँ नैन-ज्योति
माँ कोटि सूर्य आभा
माँ चाँद -तारे
 


माँ सरगम
माँ प्रेम-प्रतिभास
माँ अहसास