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मैं तुम्हें प्रेम करता हूँ / नाज़िम हिक़मत / श्रीविलास सिंह

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मैं तुम्हें प्रेम करता हूँ
नमक के साथ रोटी खाने की भाँति
रात में तेज़ बुखार से उठकर
पानी पीने की भाँति, नल से मुँह लगाकर,
डाकिए से लेकर किसी भारी पैकेट को खोलने की तरह
बिना जाने कि क्या है उसमें खड़खड़ाता हुआ,
प्रसन्न, संदेह-ग्रस्त,
मैं तुम्हें प्रेम करता हूँ ।

पहली बार किसी हवाई जहाज़ में उड़ते हुए समुद्र के ऊपर से
जैसे कुछ करवटें लेता है मेरे भीतर
जब धीरे से घिरता है अन्धेरा इस्ताम्बुल में,
मैं तुम्हें प्रेम करता हूँ
ईश्वर को धन्यवाद देने की भाँति कि हम जीवित हैं ।

अँग्रेज़ी से अनुवाद : श्रीविलास सिंह