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यादैमा तिम्रो / दिलिप योन्जन

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यादैमा तिम्रो, डुब्दछु जब, मन खान्छ बेसरी
सपनी छुट्दा, अधेरी रातमा, मै रुन्छु धर-धरी।

जुनेली रातमा, हेर्दछु तारा, देख्दछु तिमीलाई
सम्झेरै बाच्ने, केपाए भाग्य, रुवाई तिमीलाई
मनको प्यासले, जल्दछ तन, बुझाउने के गरी
सपनी छुट्दा, अधेरी रातमा, मै रुन्छु धर-धरी।

फुलेको फुल्झै, जवानी गाछ, दिन-दिनै ढलेर
धोएनी छाती, आँसुले कती, पोल्दछ जलेर
घोचेको घाउझै, दुखीनै रन्छ, मै बाचु कसरी
सपनी छुट्दा, अधेरी रातमा, मै रुन्छु धर-धरी।