भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

राम कहाँ मिलेंगे / रामनरेश त्रिपाठी

Kavita Kosh से
Dkspoet (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 17:40, 8 दिसम्बर 2011 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=रामनरेश त्रिपाठी |संग्रह=मानसी / र...' के साथ नया पन्ना बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

ना मंदिर में ना मस्जिद में
ना गिरजे के आसपास में।
ना पर्वत पर ना नदियों में
ना घर बैठे ना प्रवास में।
ना कुंजों में ना उपवन के
शांति-भवन या सुख-निवास में।
ना गाने में ना बाने में
ना आशा में नहीं हास में।
ना छंदों में ना प्रबंध में
अलंकार ना अनुप्रास में।
खोज ले कोई राम मिलेंगे
दीन जनों की भूख प्यास में।