भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

सुनो ! मैं तीस बरस से / नरेन्द्र जैन

Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 22:20, 29 मई 2019 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=नरेन्द्र जैन |अनुवादक= |संग्रह= }} {{KK...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

सुनो !
मैं तीस बरस से वहाँ नागरिक हूँ
सुनो !
तीस बरस से मैं भारतीय हूँ
सुनो !
तीस बरस से हिन्दू हूँ
सुनो !
मैं तीस बरस का सामन्त हूँ
सुनो !
मैं तीस बरस से फ़ासिस्ट हूँ
सुनो !
मालिक हूँ तीस बरस से
सुनो !
तीस बरस से उत्तराधिकारी हूँ
सुनो !
मैं तीस बरस से मैं हूँ
सुनो !
व्यवस्था हूँ तीस बरस से
सुनो !
मैं तीस बरस से प्रजातन्त्र हूँ