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स्वप्न में — 1-2 / रॉबर्तो बोलान्यो / उदय शंकर

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1.
मेरे सपने में
पृथ्वी समाप्त हो गई थी
अन्त में सिर्फ़ फ़्राँज काफ़्का ही बचा था
जो विचारमग्न था

स्वर्ग में सब
मरने-मारने पर उतारू थे
और सेण्ट्रल पार्क में लोहे की बेंच पर बैठा
काफ़्का दुनिया को जलते हुए देख रहा था

2.

सपने में
मैं सपने में हूँ
और घर आते-आते देर हो गई थी
आते ही पाया कि मारियो जा सा करनेरु<ref>बीसवीं सदी के आरम्भ का एक पुर्तगाली कवि</ref>
मेरी पहली प्रेमिका के साथ हमबिस्तर है
जैसे ही चादर हटाई
वे मृत पड़े थे
और रक्ताभ होने तक वे मेरे होंठों को काटते रहे
मैं फिर से गलियों की ओर लौट गया

अँग्रेज़ी से अनुवाद : उदय शंकर

शब्दार्थ
<references/>