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स्वप्न में — 15-16 / रॉबर्तो बोलान्यो / उदय शंकर

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15.

सपने में
चिविदवेक्या के एक शराबखाने में
पास्कल<ref>17 वीं सदी का प्रसिद्ध फ़्रांसीसी गणितज्ञ, वैज्ञानिक, आविष्कारक और दार्शनिक</ref> अपने स्फटिक स्वर के साथ
भय के बारे में बात कर रहा था :
‘चमत्कार हमें बदलते नहीं
बल्कि हमारी निन्दा करते हैं’



16.

सपने में
मैं एक आदिम लैटिन अमरीकी जासूस था
एक रहस्यमयी संस्था ने मुझे कार्यभार सौंपा
कि मैं उन्हें लातिनी अमरीकी उड़न-छू
मृत्यु-प्रमाण-पत्र प्रदान करूँ
इसके लिए लिए मैंने पूरे विश्व की यात्राएँ की —
अस्पतालों, युद्ध-क्षेत्रों, वामन सीसल से बनी शराब के शराबखानों
और परित्यक्त विद्यालयों तक

अँग्रेज़ी से अनुवाद : उदय शंकर

शब्दार्थ
<references/>