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हाँ जी हाँ दीवाना हूँ मैं / रामश्याम 'हसीन'
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हाँ जी हाँ दीवाना हूँ मैं
अपनी धुन में रहता हुँ मैं
ये दुनिया मुझ पर हँसती है
इस दुनिया पर हँसता हूँ मैं
कुछ मुझको नादां कहते हैं
कुछ कहते हैं दाना हूँ मैं
दुनिया मुझको क्या जानेगी
ख़ुद से ख़ुद अन्जाना हूँ मैं
मैंने तो बस इतना जाना
माटी का इक पुतला हूँ मैं