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हाँ भाई / असद ज़ैदी

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इतिहास में ग़रीब की आवाज़
सुनाई नहीं देती
तोपों के धमाके उसे दबा लेते हैं

ग़रीब आदमी के जीवन में अलबत्ता
सुनाई देता है उसका इतिहास