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हिन्दी कवि / सपन सारन

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हिन्दी कवि झेंपता है
अकेला खड़ा है
धीमी आवाज़ में बोलता है
कि कहीं उसे कोई सुन न ले
— हिन्दी में बोलते ।

हिन्दी कवि बड़ी-बड़ी बातें कह जाता है
लोग उसे अँग्रेज़ी में समझने की कोशिश करते हैं
और निरर्थक पाते हैं ।

हिन्दी कवि, कवि नहीं है
शौकिया कविताएँ लिखता है
— ऐसा कहता है
ताकि कोई ये न सोचे कि वो कुछ नहीं कमाता
— बेचारा ।

हिन्दी कवि बेचारा नहीं दिखना चाहता
पर वो हिन्दी के कपड़े पहने खड़ा है
— झोला लिए
अँग्रेज़ी कपड़ों में हिन्दी कविता कहेगा
तो लोग बईमान कहेंगे ।

सो वो बेचारे की तरह खड़ा है
उसके पसीने छूट रहे हैं
उसकी कविता समाप्त हो गई है
और किसी को पता ही नहीं चला है ।

वो मंच से उतरने से पहले
दो शब्द अँग्रेज़ी में कहता है :
Thank You

— सभाघर तालियों की गड़गड़ाहट से गूँज उठता है ।