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अंतर्विरोध (2) / धर्मेन्द्र चतुर्वेदी
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'साहसी बनना'/ बन के रह गया था
दुनिया का सबसे बड़ा षड़यंत्र;
बेहतर था
बतियाना साहसिक कारनामे,
सोचना - विचारना,
और उपदेश देकर बन जाना बुद्धिजीवी ;
परन्तु जैसे ही आपने चाहा साहसी बनना
वैसे ही नकार दिया गया
दुस्साहसी कहकर |