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अंदाजो / कुंदन माली
Kavita Kosh से
पाणीवाला चितकबरा सांप
मौको देखनै चढग्या, रूंखां
अर आपरो सैंग कियो करायो
मांडग्या, पाणाी में बंच्या
दूजा जीवां रै माथै
इण सूं वै थोड़ो ताल सारू
आपरै कद में बधग्या
तमासो देखणिया री भीड़ रै
बहसां बिचालै ओ तै करियो
जा रैयो है कै
कुण किरनै, किती ताल़
उठायां राखैला
रूंखडां नै धरती
क सांप नै रूंखड़ो ।