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अगर परिश्रम करें गधे तो / प्रभुदयाल श्रीवास्तव
Kavita Kosh से
गधेराम ने सौ में से सौ,
पूरे नंबर पाए।
खुशियों के मारे चिल्लाए,
चिल्लाकर बौराए।
उनकी माँ ने पूछा बेटे,
आज ख़ुशी यह कैसे?
जीत लिया है युद्ध कहीं क्या,
पानीपत का जैसे?
बोला गधा अरी ऐसी ये,
बात नहीं है अम्मा।
दुनियाभर के लोग गधे को,
कहते सदा निकम्मा।
पर माँ मैंने सौ में से सौ,
पूरे नंबर पाए।
और गधेपन के स्तर से,
ऊंचा उठकर आए।
अगर परिश्रम गधे करें तो,
ऊंचा पद पा सकते।
रॉकेट लेकर चंदा मामा,
के घर तक जा सकते॥