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अगस्त की शाम / शान्दोर चूरी / असद ज़ैदी

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देखो, एक हाथ तारों को अगस्त के आसमान से
पोंछ कर साफ़ किए देता है,
घर पर जैसे मेरी माँ साफ़ किया करती थी
मेज़ से खाने के बाद बचे खुचे ज़र्रों को ।
उसका एप्रन कभी-कभी फिसलता था, उससे
धनिये और अजमोद की ख़ुशबुएँ आती थीं —
कभी के उजड़ चुके उसके बाग़ीचे की भीनी महक
आज रात फिर नींद में झुलाती है मुझे तुम्हारी बग़ल में ।

 असद ज़ैदी का यह हिन्दी अनुवाद लेन रॉबर्ट्स के अँग्रेज़ी अनुवाद पर आधारित

लीजिए, अब मूल हँगारी भाषा से वह अँग्रेज़ी अनुवाद पढ़िए, जिससे हिन्दी में अनुवाद किया गया है

Sándor Csoóri
AUGUST EVENING

See, a hand sweeps stars
from the August sky,
as if my mother swept off the supper crumbs from the table at home.
Her apron, slipping now and then, smells of parsley
and chives--
The sweet scent of her long-gone garden
sending me to sleep beside you tonight again.