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अच्छी बातें कर रहे हैं लोग / सुधेश
Kavita Kosh से
अच्छी बातें कर रहे हैं लोग
फिर भी खुद से डर रहे हैं लोग।
बड़ी बातें हैं बड़़े सिद्धान्त
देखिये क्या कर रहे हैं लोग।
नहीं जारी है यहाँ कोई जंग
हादसों में मर रहे हैं लोग।
गली में आग फैली है मगर
अपने अपने घर रहे हैं लोग।
पुलिस अपनी और अपनी फ़ौज
फिर भी क्यों थरथर रहे हैं लोग।
वजह बेहतर नहीं पाए ढ़ूंढ
लड़ते लड़ते मर रहे हैं लोग।