भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

अणचावी आफळ / राजू सारसर ‘राज’

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

म्हूं
होवणौं नीं चावूं
भेडां भेळौ भेड
मरणौं नीं चावूं
अैक ओळखाणहीण मौत
म्हूं
करणौं नीं चावूं
भीड भैळो अैक और सिर
पच्छै ई पण
मेल दिया
छतीस पांवडा
किणी गतागम में
डूब्यौड़ै
वीं ई’ज पगडांडी
रूळियारपणैं में।