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अनंत भाषा / पूनम अरोड़ा 'श्री श्री'
Kavita Kosh से
अगर प्रेम एक दरख़्त है
अपनी काया में
तो मैं एक आग्रह पात्र हूँ
तुम्हारी नींद में निर्वाण के खलल का.
मुझे धीमे आवेग में पसंद है
मृत्यु की अनंत भाषा !