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अनवरत संवाद / संगीता गुप्ता
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उनके बीच
चलता है
अनवरत संवाद
उपस्थिति में
अनुपस्थिति में
सुनती है
अपनी हर सांस में वह उसे
सम्पृक्त दोनों
हर हार में
हर जीत में