( हाइकु )
अनाम गंध
बिखेर रही हवा
धान के खेत ।
देवता नहीं
आदमी बने रहो
यही बहुत ।
नहीं पनपा
बरगदी छाँव में
कभी पादप।
( हाइकु )
अनाम गंध
बिखेर रही हवा
धान के खेत ।
देवता नहीं
आदमी बने रहो
यही बहुत ।
नहीं पनपा
बरगदी छाँव में
कभी पादप।