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अपने अँधेरों से हम / अनिरुद्ध उमट

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घर के हिस्से करते पिता
काग़ज़ पर
अपने हिस्से करते

सब को
समान रूप से
वितरण पश्चात
लौटते जब

सरक जाता
किसी ओर
जनम के हिस्से में
तब तक उनके हिस्से का
अन्धेरा

बुला भी नहीं पाते
अपने अन्धेरों से हम
उन्हें