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अफवाह / राकेश कुमार पटेल

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अफवाह बड़े काम की चीज़ है
न सिर, न पैर
न दिल, न दिमाग़
बस नंगे पाँव दौड़ो इनके पीछे
मचाओ शोर, ज़मा कर लो भीड़
मार डालो किसी ग़रीब को
चोर-चुड़ैल, तस्कर-डायन
मुँहनोचवा, चोटीकटवा बताकर
और यह साबित कर दो
कि तुम इक्कीसवीं सदी के
सबसे बड़े जाहिल हो
और कभी न सुधरने के लिए
कटिबद्ध प्रतिबद्ध हो।
तुम्हारे पास सिर है, पैर है
दिल-दिमाग़ सब है
लेकिन तुम अफ़वाहों के गुलाम हो।