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अभिमन्यु की नियति लेकर / संगीता गुप्ता
Kavita Kosh से
अभिमन्यु के समान
नियति वालों
पर वार
सदा
अपने ही करते
चक्रव्यूह से
निकलने की राह से
अनभिज्ञ के लिए
निकलने की
मृत्युपर्यन्त चेष्टा
ही महत्वपूर्ण
जय
पराजय
या मृत्यु
नहीं
जूझने की
अदम्य जिजीविषा
अभिष्ट होता उनका
जो अभिमन्यु की
नियति लेकर
जन्मते