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अभिवादन / एज़रा पाउंड / एम० एस० पटेल
Kavita Kosh से
ओ पूरी तरह आत्मतुष्ट
और पूरी तरह बेचैन पीढ़ी,
धूप में सैर-सपाटे करते मछुआरों को मैंने देखा है,
उन्हें अस्त-व्यस्त गृहस्थियों के साथ मैंने देखा है,
उनकी भरपूर मुस्कानें मैंने देखी हैं,
और उनकी फूहड़ हँसी मैंने सुनी है ।
तुमसे मैं सुखी हूँ
मुझसे वे सुखी थे,
अपने कपड़ों के बिना भी
मछलियाँ झील में तैरती हैं।
मूल अँग्रेज़ी से अनुवाद : एम० एस० पटेल