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अवनी घर हो क्या / शक्ति चट्टोपाध्याय / लाल्टू
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अवनी घर हो क्या ?
सोया है मुहल्ला किवाड़ हैं बन्द
सुनता हूँ, बस, रात की दस्तक के छन्द
अवनी घर हो क्या ?
यहाँ बारिश होती है बारह मास
बदली गाय सी चरती मण्डराती है
कहीं और देखती ऊँची हरी घास
दरवाज़े पर टकराती है
अवनी घर हो क्या ?
अपने में घूम रहा दूर अध-खोया
पीर में ही जाने कब सोया
अचानक सुनता हूँ रात की दस्तक के छन्द
अवनी घर हो क्या ?
हिन्दी में अनुवाद : लाल्टू