भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
अविचल पेड़ / ज्यून तकामी
Kavita Kosh से
|
बहते समय के पार
समय शाश्वत दिखाई देता है
बहते बादलों के पार
नीला आकाश
बादल चलते रहते हैं
आकाश रहता अचल
हवा चलती रहती है
पेड़ अविचल
रूसी से अनुवाद : अनिल जनविजय