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अश्लील बातें / ज्योति शर्मा

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अश्लील बातें करनेवाला वह आदमी
जब तब आ जाता है इनबॉक्स में
शुरुआत तारीफ़ों से करता है
और चाहता है बातें होती जाएँ कामुक
कितना अकेला है वह
स्तनों की तारीफ़ करना चाहता है करता आँखों की है
उसके शब्दों से टपकती है रति की चाह
कितनी सुनसान है उसकी रातें
बे।रौनक
सुनो
तुम भूखे आओगे चौखट पर
तुम्हें खिला दूँगी रोटी साग
दूंगी कटोरी घी वाली
तुम्हारी वासना का क्या करूँ
तुमपर केवल करुणा जगती है