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अस्तित्व केवल सौन्दर्य का है / येलेना रेरिख़

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जिसके कान हैं
खुली हैं जिसकी आँखें
जिसने पा लिया है मुझे
उसे मेरा आशीर्वाद !
मेरा नाम ताबीज़ है तुम्हारे लिए
वैभव से भरी हैं तुम्हारे लिए स्वर्ग की गहराईयाँ
तुम्हें मेरा आशीर्वाद !

मेरे शिष्य ! भविष्य का सपना देखो,
दिखाई देगी तुम्हें संसार की पुनर्सृष्टि ।
भूलना नहीं अपनी तपस्या में करुणा-तत्त्व को
याद रखना-
भावी संस्कृति का अनिवार्य माध्यम है कला
सौन्दर्य के माध्यम से पहुँचोगे तुम
अपने लक्ष्य तक।
मैं आदेश देता हूँ तुम्हें :
उच्चारण करो सौन्दर्य का !

एक ने कहा- प्रेम !
दूसरे ने कहा- कर्म !
और तुमने कहा- सौन्दर्य !

यै चाहते हो कि खुले मिलें मेरे वार
उच्चारण करो मेरे चिन्ह का।

अभियान और विजय के क्षणों में कहा मैंने सौन्दर्य,
मैंने सौन्दर्य कहा और असफ़लताओं को ढक लिया सौन्दर्य ने।
पर्वत खिल उठे सौन्दर्य के साथ
खुला रखो रास्ता सौन्दर्य पुष्पों के लिए।
बच्चों को यहाँ आने दो,
निर्वस्त्र होने दो उन्हें उसके सम्मुख
जो विराट ब्रह्माण्ड का सौन्दर्य लाया।

याद रखो - न सम्पत्ति का अस्तित्व है, न निर्णयों का
न गर्व का, न ही किसी प्रायश्चित का
अस्तित्व केवल सौन्दर्य का है।

तुम्हें सौंपता हूँ यह सौन्दर्य
रक्षा करना दृढ़ता से इस सौन्दर्य की
इसी में ही हैं तुम्हारे मार्ग

जो मुझे पाएंगे
वे मुझे सौन्दर्य के साथ पाएंगे
वे चल इए हैं मेरी ओर !


मूल रूसी भाषा से अनुवाद : वरयाम सिंह