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अेक सौ बयांळीस / प्रमोद कुमार शर्मा
Kavita Kosh से
कविता करूं
बैठ्यो अेकलो
-राम अर सीता करूं
इण चा-पाणी रै टैम मांय
देई-देवता रै भैम मांय
कांई ठा :
म्हांनै भी आंटो आज्यै
पगां सूं उभाणो होवूं
अर हेटै कांटो आज्यै
कांटां रा
-सुभीता करूं
-राम-सीता करूं
कविता करूं।