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आ कि अब मृतप्राय-से-इतिहास को ज़िन्दा करें / योगेन्द्र दत्त शर्मा

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आ, कि अब मृतप्राय-से-इतिहास को ज़िन्दा करें ।
आदमियत के दबे एहसास को ज़िन्दा करें ।

साँस है तो आस है -- कहते चले आए बुजुर्ग,
चल, कि जीने, के लिए अब आस को ज़िन्दा करें ।

रेत में प्यासे हिरन को ज़िन्दा रखता है सराब,
वास्तविक चाहे न हो, आभास को ज़िन्दा करें ।

ऐसे मौसम में, जहाँ सच बोलना दुश्वार हो,
मौन रहने के कठिन अभ्यास को ज़िन्दा करें ।