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आँधी / विद्याभूषण 'विभू'

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सर-सर, सर-सर करती आई,
भर-भर, भर-भर करती आई,
हर-हर, हर-हर करती आई,
मर-मर, मर-मर करती आई,
आँधी-आँधी, आँधी-आँधी!

आँधी-आँधी आई धूल,
चारों ओर उड़ाई धूल,
आसमान पर छाई धूल,
काली-पीली लाई धूल,
आँधी आई, आँधी आई,
अम्माँ ने चट आग बुझाई,
बड़े जोर की आँधी आई,
कुछ भी देता नहीं दिखाई,
आँधी-आँधी, आँधी-आँधी!

चर-चर गिरी पेड़ की डाली,
नीचे से भागा बंगाली,
ओ हो उलटी बहती नाली,
उड़ता छप्पर, गिरती डाली,
आँधी-आँधी, आँधी-आँधी!

-साभार: ‘बबुआ’ विद्याभूषण ‘विभू’, 1949, 12-13