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आए भी तो / दिविक रमेश
Kavita Kosh से
आए भी तो आए जाने की तरह आप
चलिए निभाने को, आए तो सही आप
आई हवा और गिरा कर चली गई
तनकीद जंगलों की मगर कर रहे हैं आप
वह तो हँसा के राह पे अपनी निकल गया
दुनिया की नज़र में मगर दीवाने बने आप
धमका के गए आप ही चौपाल में हमें
खतावार फिर भी हमें कह रहे हैं आप
अब किसको क्या कहें, कहने का फायदा?
अपने बनाए जाल पर जब मर मिटे हैं आप