भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

आग / हर्षिता पंचारिया

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

आग से उतारने के लिए गर्म भगौने को चाहिए एक सङसी

मुझे लगता है
दुनिया में एक सङसी सभी के पास होनी चाहिए
आख़िर

दिमाग़ में आग लगते देर ही कितनी लगती है