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आज की रात / अष्टभुजा शुक्ल
Kavita Kosh से
कल जो जो कहोगे
वो वो बना दूँगी
प्याज, लहसुन, नमक और हरी मिर्च मिलाकर
सेंक दूँगी खरी खरी गुदगर रोटी
मजूरी के बदले उस दिन
बडे़ बाबू ने जो
पुरानी नीली वाली कमीज दी थी
फींच दूँगी उसे लकालक
अपनी भूख में से
आधी भूख मुझे दे दो
मेरी खटिया में से
आधी खटिया ले लो
मेरी कथरी से
दो तिहाई कथरी चाहो तो
पूरी चादर ले लो
या ओढ़ लो
मेरी आधी साड़ी ही
जहाँ मन हो वहाँ
रख लो मेरे बदन पर
अपना हाथ
मेरी नींद में से
आधी नींद ले लो
लेकिन हाथ जोड़ती हूँ
बगल में सोए
बिट्टू की कसम
आज रहने दो