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आजमगढ़ के भीतर कोई गाँव / भास्कर चौधुरी
Kavita Kosh से
(रबीश के लिए)
इस गाँव में
नेता कोई नहीं आता
दरअसल यहाँ झगड़ा नहीं होता कोई
यहाँ घर हैं कई ऐसे
जहाँ एक ही है
बीच वाली दीवार
हिंदू की दीवार पर
खुदी है कोई तहरीर
और मुस्लिम वाली दीवार
जो सड़क की ओर है
पर बना है शिव का त्रिशूल
मस्ज़िद का दरवाज़ा
खुलता है हिंदू की ओर
और दोनों घरों की नालियाँ
खुलती है सड़क पर
बढ़ रहा है दोनों घरों की
लड़कियों का कद
और कम पड़ने लगी है
गोबर थापने की जगह...