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आज़ादी / पद्मजा शर्मा
Kavita Kosh से
वह आज़ादी में विश्वास करता है
मैंने कहा-तोता
उसने पिंजरा खोल दिया
मैंने कहा-‘मैं’
उसने मुझे छोड़ दिया।