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आज़ादी / बोस - The Forgotten Hero (2005)
Kavita Kosh से
जागे हैं अब सारे
लोग तेरे देख वतन
गूंजे है नारों से
अब ये ज़मीन और ये गगन
कल तक मैं तन्हाँ था
सूने थे सब रस्ते
कल तक मैं तन्हाँ था
पर अब हैं साथ मेरे
लाखों दिलों की धड़कन
देख वतन
आज़ादी पाएंगे
आज़ादी लायेंगे
आज़ादी छाएगी
आज़ादी आएगी
जागे हैं अब सारे
लोग तेरे देख वतन
गूंजे है नारों से
अब ये ज़मीन और ये गगन
कल तक मैं तन्हाँ था
सुने थे सब रस्ते
कल तक मैं तन्हाँ था
पर अब हैं साथ मेरे
लाखों दिलों की धड़कन
देख वतन
हम चाहे आज़ादी
हम मांगे आज़ादी
आज़ादी छाएगी
आज़ादी आएगी