आदिवासी (4) / राकेश कुमार पालीवाल
दुनिया की कई गंभीर बीमारियां
यहीं के वासिन्दों को हैं
फिर भी किसी पी जी आई या एम्स तक
नहीं पहुंच पाता यहां का मरीज
इनके बीमार बच्चे
गुनिया की झाड फूंक के बीच
चुपचाप आंख मीच लेते हैं
मां की गोद मे लेटे लेटे
इन्हें नही मालूम कि देश की राजधानी मे
एक बडा मंत्रालय है इन्हीं के नाम पर
इन्हें नही मालूम कि संसद और विधान सभा मे
बहुत सी सीटें हैं इन्हीं के लिये आरक्षित
ये नही जानते कि
इन्हीं के लिये चल रही हैं
केन्द्र और प्रदेश की महत्वाकांक्षी
शत करोडी परियोजनाएं
इन्हें खबर नहीं कि इनके नाम पर
बैंकों ने बांटे हैं
लाखों करोडों के कर्ज सस्ते ब्याज पर
इन्हें नही मालूम कि बीते साल
राष्ट्र्पति महोदय की मुहर पा गया
सूचना का अधिकार कानून
इन्हें नहीं मालूम कहां मिलता है
सफेद कागज का वह टुकडा
जिस पर खडी हैं
आदिवासी विकास की सैकडों योजनाओं की
बहुरंगी बहुमंजिली भव्य इमारतें