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आधुनिक भारतवासी / गोबिन्द प्रसाद
Kavita Kosh से
मैं आधुनिक भारतवासी
जूठन बीनता रहा
चढ़े हुए फूल चुनता हुआ
विचारों की उतरन
ओढ़ता-बिछाता,
राह चीन्हता रहा
मैं आधुनिक भारतवासी
जूठन बीनता रहा ।