भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
आपरेशन / नवनीत पाण्डे
Kavita Kosh से
पिता तुमने नहीं देखा
तुम्हारा ऑपरेशन हो चुकने के बाद
प्रियजनों, रिश्तेदारों के हाथों
अभी तक चल रहा मेरा ऑपरेशन
कैसे भरोसा दूं?
और कितनी बार?
कि तुम बिल्कुल ठीक हो!
मैंने सब कुछ ठीक तरह से किया है