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आम्रपाली / कोनहारा / भाग 5 / ज्वाला सांध्यपुष्प

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आधा सैनिक मरल बज्जी के
आधा बेरिआ खतम भेल।
बुझाइअ जेन्ना मग्गह अखनि
जीतत ई पानी के खेल॥41॥

सैनिक कटइअ गजरा-मुरइ सन्
सोचे अम्रपाली परिणाम।
बरका-बरका डुबे जहाज तऽ
मग्गह के मिटे नाम-निशान॥42॥

सोचलक तनियक अम्रपाली इ
डुबकी मारलक तुरत नारि।
सुरक्षा सैनिक से हो कुदल उ
ओक्करा ले इ बरह्ल अगारि॥43॥

सोंर्ही-भर हेलबाक जोरे
मछरी लेखा उ हेल गेल।
आयुध-भरल बिस्साल जहाज तर
एक सोआँस में पहुँच गेल॥44॥

बरका-बरका बरमा से सब
कएलक भोम खूब दस-बीस।
बुझलक जहाज डूबत अखनी
भागल दोसर जहाज दीस॥45॥

पानी के धार रहे करगर
डूबल कएगो इ हेलबाक।
हाथी नाहित जहाज बइठे
अजात करे उ ‘बाप-बाप’॥46॥

रसद भरल जहाज जब डूबल
मगज अजात् के कएलक काम।
बुद्ध रहन बतबइत बाबू के
‘कारण बिना न होइअ काम’॥47॥

कहलक अजात हेलबाक के
जल में गोंता मारे लेल।
जखनि तक पहुँचल गोंताखोर
बङदेश के जहाज डुब गेल॥48॥

डूबल बरका जहाज बंग के
गङा में उठ गेल हिलोर।
आ गेल जेन्ना दाहर कसकऽ
मच गेल खूब अब हरहोर॥49॥

छोटकी नइआ डूबल भँस्सल
जन्गी जहाज फेरे करौंट।
मग्गह जितल कएगो देश मुदा
जल पर युद्ध हए इ पहिलौंठ॥50॥