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आयल बिहाड़ि / शम्भुनाथ मिश्र
Kavita Kosh से
आयल बिहाड़ि, आयल बिहाड़ि
हुहुआइत बताह बसात बहय
तकरे कहैत छै सब बिहाड़ि
आयल बिहाड़ि, आयल बिहाड़ि
कुल होइछ बारह मास जाहिमे
छओ टा ऋतु होइछ जानू
वर्षा, वसंत ओ ग्रीष्मक ऋतुमे
बेसी अबइत आछि बिहाड़ि
आयल बिहाड़ि, आयल बिहाड़ि
ऋतुराज राजमे जरय गाम
ग्रीष्मक बिहाड़िमे झड़य आम
पानिक झमझम, बिजुरिक चमचम
कहबय वर्षा ऋतुकेर बिहाड़ि
आयल बिहाड़ि, आयल बिहाड़ि
कखनहुँ तनकेँ सुख दय बिहाड़ि
लगले मनकेँ उड़बय बिहाड़ि
कखनहुँ तन-मन जरबय बिहाड़ि
सौँ से शरीर कँपबय बिहाड़ि
आयल बिहाड़ि, आयल बिहाड़ि
कखनहुँ बिहाड़ि अन्हड़ कहबय
उनटाबय लोकक घर-दुआरि
कखनहु बिहाड़ि बिरड़ो कहबय
गाछहुकेँ खसबय जड़ि उखाड़ि
आयल बिहाड़ि, आयल बिहाड़ि