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आरती करीय शीश धरि प्रभु के / मैथिली लोकगीत
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मैथिली लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
आरती करीय शीश धरि प्रभु के
ओ प्रभु त्रिभुवनपति ठाकुर छथि, आरती करीय श्री रघुवर के
दशअवतार धारि भल कयलनि, धरनिक हरथि भार उपकरि के
जगत जनक बड़ क्षमाशील, सभ पाप विमोचन पद नटवर के
आरती लेत ताप त्रय मेटयि, कुमर कमल पद धरि रघुवर के