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इंतज़ार / ओम व्यास
Kavita Kosh से
समुद्र कि किनारे
सुखी रेत
अंगुलियों से बनी रेखाओं सा
मेरा जीवन
कह रहा है इंतजार
हादसे के किन्ही नए पैरों का।