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इच्छ्या : दोय / दुष्यन्त जोशी

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इच्छ्या सूं
दुख आवै
इच्छ्या सूं
डर आवै

पण
मिनख
सुभाव कियां बदळै
खुद रौ

इण सारू
इच्छ्या है
तद ई है
मिनख।