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इज़्ज़तपुरम्-40 / डी. एम. मिश्र
Kavita Kosh से
उम्र
उड़ती
भागती
धकेलती
धूल पीछे
रोज एक नये
वर्तमान से गुजरती
नित नये
सूत्र बुनती
भविष्य के