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इज़्ज़तपुरम्-49 / डी. एम. मिश्र

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उस्ताद
वेश्यायें यहाँ
नाजो-अंदाज की
हड़िया में
उबालकर
हरे-भरे
जुमलों के
मीठे रस
बूँद-बूँद
गट कर लें

और निकुली
हड्डियाँ फेंक दे
गटर में