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इज्ज़े अहले-सितम / फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
Kavita Kosh से
इज्ज़े अहले-सितम की बात करो
इश्क़ के दम-क़दम की बात करो
बज़्मे-अहले-तरब से शरमाओ
बज़्मे-असहाबे-ग़म की बात करो
बज़्मे-सरवत के खुशनसीबों से
अज़्मते-चश्मे-नम की बात करो
है वही बात यूं भी और यूं भी
तुम सितम या करम की बात करो
ख़ैर, हैं अहले-दैर जैसे हैं
आप अहले-हरम की बात करो
हिज़्र की शब तो कट ही जायेगी
रोज़े-वस्ले-सनम की बात करो
जान जायेंगे जानने वाले
फ़ैज़ फ़रहादो-जम की बात करो