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इतियास (2) / भंवर भादाणी

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कदै ई थां
रथ चढ‘र
समझायौ
सार-राज रौ।
कदै ई बैठायो
ऊंची भाखरी
भाठो -
थां में ताकत है
भाठां पूजावण री
अर थां
पूजा‘र दिखाया है,
इण रौ गवाह है
आखो इतियास।
थांरा थरप्यौड़ा
भैरूं-भोपा
भोमिया
आज ताई राखै
रूतबो-आपरो
थांरी छैलायां रा
जतरा करां
बखाण
उत्ता ही थोड़ा है।
थांनै मोदीजणो चाहीजै
कै थांरा जायोड़ा
बजावै है
भूंपा-थांरांहीज
थांनै गुमेजणो चाहीजै
थै जद चावौ
थांरै सांमी
आय ऊभै
आभौ
थे मालिक रया हो
आभै रा
अर रैवोला
जद तांई
तद तांई
म्है बखाणतां जावांला
थांरी ख्यातां-कथावां
आ थांरी ई
ताकत है
कै कान सूं
जणाय सकौ
टाबर
अर -
बगस सकौ
जस रा सोनळिया मुगुट,
थे बड़भागी रया हो
कै थां जणैं-जणैंई
घड़ी बाणी
बा बाणगी
देवबाणी।