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इयार तनिक तू दिल में झाकऽ / सच्चिदानंद प्रेमी
Kavita Kosh से
इयार तनिक तू दिल में झाकऽ।
झॉकऽ बन के मीत।
जब पछिया ऑचल उड़वाए
प्रीति रीत छल जाए,
दुनियॉ हल्ला कर चिल्लाए
मनुआ तब घबड़ाए,
मार-काट दिन रात मचे जग-
सब होबे विपरीतं
तनिक तू दिल में झांकऽ
झॉकऽ बन के मीत।
गरम झकोरा उड़े अबीर मन
दिन टिटकारी मारे
कउआ मोर पपीहा बोली
कोयल कंठ उचारे
साधू सन्यासी मन डोले
उठ मरम संगीत,
तभी तू दिल में झांकऽ
झॉकऽ बन के मीत।
हिरना-हिरनी नगर सहर के
गलियन दौड़ लगाबे,
नइकी दुलहिनयॉ डेवढ़ी पर
आते भीड़ जुटाबे।
कोहवर में टटके टनके जब
टनक उठे तब शीत।
तू दिलवर बन के झॉकऽ
झॉकऽ बनके मीत।