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उण कनै / अर्जुनदेव चारण
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उण कनै
होवै दो आंखियां
सपनां बायरी
उण कनै होवै होठ
सबदां बायरा
उण कनै होवै हाथ
मंडण सांरू
दूजां रै सांम्ही
उण कनै होवै पग
पण वा
जीवै
आखी जूण
पांगळी